हार्ड वाटरऔर सॉफ्ट वाटर में क्या अंतर है| | Difference between Hard Water and Soft Water in Hindi

भारत में 70% से अधिक हार्ड वाटर(Hard Water) है| काफी ज्यादा संभावना है कि आपने इसका अनुभव भी किया होगा। अधिकांश लोग कठोर पानी पीना पसंद करते हैं क्योंकि इसका स्वाद और इसमें खनिज होते हैं। हालांकि, कठोर पानी में कठोरता(Hardness) के स्तर का हमेशा ध्यान रखना चाहिए।

तो, इससे पहले कि हम किसी भी विवरण में शामिल हों, वास्तव में हार्ड बनाम सॉफ्ट जल में क्या अंतर है, और वे आपको कैसे प्रभावित करते हैं?

हार्ड वाटर(Hard Water) क्या होता है|

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पानी में मौजूद खनिजों जैसे कैल्शियम और मैग्नीशियम ये निर्धारित करते है की पानी कितना कठोर(हार्ड,Hard) है| इन खनिजों की मात्रा जितनी अधिक होगी, पानी उतना ही हार्ड होगा। इसीलिए अगर ये दोनों खनिज पानी में पाये जाते है तो आप का पानी कठोर (हार्ड,Hard) है।

कठोर जल को पेयजल पानी के रूप में बेहतर माना जा सकता है क्योंकि कठोर जल में खनिज जैसे कैल्शियम और मैग्नीशियम मौजूद होते है  जिसकी मनुष्य को बहुत ज्यादा आवश्यकता होती है और आपको ये स्वास्थ्य बनाये रखते हैं| बहुत से लोग इसके मीठे स्वाद के कारण कठोर पानी पीना पसंद करते हैं।

हार्ड वाटर से स्वास्थ्य लाभ

हार्ड वाटर से स्वास्थ्य लाभ
  • मैग्नीशियम हृदय रोग को रोकने में मदद करता है|
  • उच्च रक्तचाप(Hypertension) और गुर्दे की पथरी(Kidney Stones) के जोखिम को कम करता है|
  • पानी पीने के लिए सुरक्षित और स्वाद में मीठा होता है |
  • पीने के पानी में आवश्यक खनिजों/मिनरल से भरपूर होता है, जो आपको स्वास्थ और एक्टिव रखते है |

हार्ड वाटर से नुकसान

  • कठोर जल घरेलू उपकरणों को नुकसान पहुँचाता है और कम एफ्फिसिएंट बना सकता हैं  |
  • यह साबुन के झाग को बनने से और कपड़े पूरी तरह से साफ करने से भी रोकता है।
  • एक्जिमा के लक्षणों और ड्राई स्किन हो जाती है और आपके बाल चिपचिपे हो जाते हैं।

सॉफ्ट वाटर(Soft Water) क्या होता है|

पानी अपने ‘शुद्ध’ रूप में सॉफ्ट वाटर होता है | बारिश का पानी इस का एक अच्छा उदाहरण है | लेकिन जब बारिश का पानी जमीन के संपर्क में आता है तब  इसकी संरचना में बदलाव आता है जब बारिश का पानी (सॉफ्ट वाटर) कैल्शियम और मैग्नीशियम के संपर्क में आता है | तब बारिश का पानी हार्ड वाटर बन जाता है।

सॉफ्ट वाटर के लाभ

  • साबुन की झाग बनाने की प्रक्रिया अच्छी होती है और कपड़े पूरी तरह से साफ हो सकते है।
  • सॉफ्ट वाटर त्वचा के लिए अच्छी  होती है।
  • उपकरणों की छमता और लाइफ बढ़ जाती है |
  • त्वचा और बालो की नमी बनी रहती है |

हार्ड वाटर(Hard Water) और सॉफ्ट वाटर(Soft Water) में अंतर


अब आप हार्ड वाटर और सॉफ्ट वाटर के बारे में जान चुके हैं। अब हम देखेंगे हार्ड और सॉफ्ट वाटर में क्या अंतर है| हार्ड और सॉफ्ट वाटर के बीच मुख्य अंतर मिनरल्स सामग्री का है। हार्ड वाटर में कैल्शियम,मैग्नीशियम और चूना जैसे मिनरल्स होते हैं। और सॉफ्ट वाटर में ऐसे किसी भी प्रकार के मिनरल्स नहीं होते है।

हार्ड वाटर का स्वाद मीठा होता है और इसका उपयोग अक्सर पीने के लिए किया जाता है। सॉफ्ट वाटर आमतौर पर कड़वा या बेस्वाद होता है।

हार्ड वाटर साबुन के झाग को बनने से भी रोकता है। यह कहा जा सकता है कि यह साबुन और उपकरणों की एफिशिएंसी दोनों को कम करता है।

आपकी स्किन ड्राई और खुजलीदार हो जाती है, और जब आप अपने शरीर को साफ करने के लिए हार्ड वाटर का उपयोग करते हैं तो आपके बाल चिपचिपे हो जाते हैं। वहीं अगर आप सॉफ्ट वाटर को स्किन के अनुकूल माना जाता है और इससे ऐसी कोई समस्या नहीं होती है।

हार्ड वाटर बनाम सॉफ्ट वाटर (Hard water Vs Soft Water)

कैसे पता चलेगा की घर में यूज़ होने वाला पानी हार्ड है |

आप जिस पानी का उपयोग कर रहे हैं वह हार्ड वाटर है या सॉफ्ट वाटर, यह जानने के लिए आप को किसी प्रयोगशाला में जाने की आवश्यकता नहीं है| कुछ आसान तरीके हैं जिनसे आपको स्पष्ट रूप से पता चल जाएगा कि आप हार्ड या सॉफ्ट वाटर का उपयोग कर रहे हैं या नहीं।

  • क्या आपके घर में लाइमस्केल(Limescale) है, लाइमस्केल(Limescale) एक सफेद, क्रस्टीपदार्थ है| जो आपके घर में कठोर पानी के  सबसे स्पष्ट संकेतों में से एक है|  आपके पानी में बड़ी मात्रा में कठोरता वाले खनिजों (Hardness minerals) के कारण नल, सिंक, टब और अन्य प्लंबिंग फिक्सचर्स पर उगता है। यदि आपके घर में लाइमस्केल(Limescale) है, तो इसमें लगभग निश्चित रूप से हार्ड वाटर है।
  • एक बार आप अपने  वाटर हीटिंग इलेक्ट्रिसिटी  बिलों अपर नज़र डालें। हार्ड वाटर वाले घरों में अधिक वाटर हीटिंग इलेक्ट्रिसिटी बिल आते है। ऐसा इसलिए है क्योंकि वॉटर हीटर के टैंक के नीचे कठोरता वाले खनिज(Hardness minerals) बनते हैं, जिससे नीचे के बर्नर के लिए पानी को गर्म करना मुश्किल हो जाता है। यदि आपके वाटर हीटिंग इलेक्ट्रिसिटी बिल आपके विचार से अधिक हैं, तो कठोर जल एक संभावित वजह हो सकती है।
  • हार्ड वाटर से नहाने से आपकी त्वचा और बाल रूखे हो सकते हैं क्योंकि साबुन और शैंपू अच्छी तरह से झाग नहीं देते हैं और कठोरता वाले खनिज(hardness minerals ) और साबुन के अवशेष आपके रोमछिद्रों(pores) को बंद कर सकते हैं। अगर नहाने के बाद आपकी त्वचा और बाल चिकने और रेशमी नहीं लगते हैं, तो समस्या हार्ड वाटर के कारण हो सकती है।
  • अगर आपके सिंक(Sinks) और नालियों(Drains) में रुकावट एक आम समस्या है| कठोरता खनिज(Hardness minerals) समय के साथ पाइपों में जमा हो जाते हैं, जिससे प्लंबिंग की समस्या अधिक सामान्य और गंभीर हो जाती है।

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निष्कर्ष(Conclusion)

हार्ड वाटर और सॉफ्ट वाटर दोनों के अपने फायदे और नुकसान हैं। यदि आप के पीने के पानी की हार्डनेस का स्तर कम है, तो आप इस पानी को पी सकते हैं। और इसे विभिन्न स्वास्थ्य लाभ प्राप्त कर सकते हैं। हमेशा पानी इस्तेमाल करने के पहले पानी की कठोरता(Hardness) के स्तर की जाँच अवश्य करें।

 अगर आप को लग रहा है की आपके उपकरण संचालन(Appliances Operation) के लिए हार्ड वाटर का उपयोग कर रहे हैं, तो आपके लिए हार्ड वाटर को सॉफ्ट करने का समय आ गया है। हार्ड वाटर को सॉफ्ट वाटर में परिवर्तित करने के लिए आप हार्ड वाटर सॉफ़्नर या शावर हेड वॉटर सॉफ़्नर का उपयोग कर सकते हैं।

हार्ड वाटरऔर सॉफ्ट वाटर में क्या अंतर है|  | Difference between Hard Water and Soft Water in Hindi
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